Wednesday, August 1, 2018

हाकी खेल का दिग्गज

भारतीय हॉकी का दिग्गज


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भारतीय हॉकी के सफलतम कप्तानों में से एक रहे धनराज पिल्लै ने जितनी शिद्दत के साथ हॉकी खेली, शायद ही कोई उनकी जगह ले पाए। उन्होंने न सिर्फ भारत में अपने खेल का जौहर दिखाया है, बल्कि कई अन्य देशों में भी अपनी हॉकी स्टिक से खेलप्रेमियों को दिवाना बना चुके हैं

भारत में हॉकी को खोई हुई चमक वापस दिलाने वाले इस महान खिलाड़ी ने भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी भी की। 

भारत ने उनकी कप्तानी में 1998 का एशियन गेम्स और 2003 का एशिया कप जीता। 

आज पूर्व हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै के बारे में हम लाए हैं उनसे जुड़ी कुछ रोचक तथ्य-

  1.  उनका नाम धनराज इसलिए पड़ा क्योंकि उनके माता-पिता को लगता था कि इस नाम से उनकी किस्मत बदलेगी और उनके घर में पैसे आने लगेंगे।
  2. धनराज अक्सर टूटी हुई हॉकी स्टिक और फेंकी हुआ बॉल से खेला करते थे। उन्हें इस चीज की प्रेरणा अपनी मां से मिली थी। आर्थिक तंगी के बीच भी उनकी मां ने हमेशा खेलों के प्रति उन्हें प्रोत्साहित किया।
  3. धनराज पिल्लै का जन्म 16 जुलाई 1968 को पुणे के खड़की में हुआ था। उनका बचपन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की स्टाफ कॉलोनी में अभावों के बीच बीता क्योंकि उनके पिता वहां ग्राउंड्समैन का काम करते थे।
  4. साल 1985 में धनराज अपने बड़े भाई के पास मुंबई चले गए और उनके दिशा निर्देश पर प्रैक्टिस करने लग गए। धनराज शुरू से ही महान हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद से प्रभावित रहे हैं।
  5. धनराज ने भारत के लिए अपना डेब्यू 1989 में दिल्ली में हुए एशिया कप के दौरान किया था। वह भारत के लिए 1989 से 2004 तक खेले और 15 सालों के अपने इंटरनेशनल करियर में 339 मैचों में 170 गोल दागे।
  6. धनराज पिल्लै चार ओलंपिक (1992, 1996, 2000, और 2004), चार वर्ल्ड कप (1990, 1994, 1998, और 2002), चार चैंपियंस ट्रॉफी (1995, 1996, 2002, 2003), और चार एशियाई खेलों (1990, 1994, 1998, और 2002) में हिस्सा लेने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं। वह 1994 के वर्ल्ड कप के दौरान वर्ल्ड इलेवन में जगह पाने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं।
  7. धनराज को 1995 में अर्जुन पुरस्कार, 1999 में खेल रत्न, 1998 में केके बिड़ला फाउंडेशन पुरस्कार और 2001 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। 2002 चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया था।
  8. पिल्लै ने कई बार कम मैहॉकी च फीस और समय पर उसका भुगतान न किए जाने की वजह से मैनेजमेंट की आलोचना की। इसकी वजह से उन्हें 1998 के बैंकॉक एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने के बावजूद अगली सीरीज से आराम देने के नाम पर बाहर कर दिया गया।
  9. धनराज ने 2014 में आम आदमी पार्टी से जुड़कर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था।
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  11. भारत के अलावा धनराज पिल्लै कई विदेशी क्लबों के लिए भी खेले। जिनमें इंडियन जिमखाना (लंदन), एचसी ल्योन (फ्रांस), बीएसएन एचसी ऐंड टेलीकॉम मलेशिय एचसी (मलेशिया), अभानी लिमिटेड, एचटीसी स्टटगार्ट किकर्स (जर्मनी) और खालसा स्पोर्ट्स क्लब (हॉन्गकॉन्ग) शामिल हैं।
अपने  समय ऐसा हाकी खिलाड़ी जिसकी हाकी स्टिक पर गेंद जितना समय बिताती थी टेलीविजन कमेंटेटरों की आवाज़ और जोश बढ़ जाता था।

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