Thursday, August 9, 2018

CTET 2018, बीएड को मान्य न किए जाने पर विज्ञापन को चुनौती

प्राइमरी CTET परीक्षा में बीएड को शामिल करने को लेकर CBSE और NCTE से जवाब तलब , शीघ्र होगा मुकदमे का निस्तारण :


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सीटीईटी में बीएड को मान्य न किए जाने पर विज्ञापन को चुनौती

इलाहाबाद : सीटीईटी (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) में बीएड को सीबीएसई की ओर से शामिल नहीं किए जाने पर इस परीक्षा के विज्ञापन को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। 

कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और सीबीएसई समेत अन्य पक्षकारों से जवाब मांगा है। याचिका पर 14 अगस्त को सुनवाई होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने भानू प्रताप यादव व अन्य की याचिका पर दिया है। याचीगण के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना है कि एनसीटीई ने 18 जून 2018 को अधिसूचना जारी कर 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना में संशोधन कर दिया है। 

अब एनसीटीई ने कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को योग्य मान लिया है। इसके बावजूद सीबीएसई ने सीटीईटी की अर्हता में बीएड को शामिल नहीं किया है।


Court No. - 07
Case :- WRIT - A No. - 16920 of 2018
Petitioner :- Bhanu Pratap Yadav And Another
Respondent :- Union Of India And 3 Others
Counsel for Petitioner :- Agnihotri Kumar Tripathi
Counsel for Respondent :- A.S.G.I.,Dhananjay Awasthi,Hridai Narain Pandey



Wednesday, August 1, 2018

हाकी खेल का दिग्गज

भारतीय हॉकी का दिग्गज


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भारतीय हॉकी के सफलतम कप्तानों में से एक रहे धनराज पिल्लै ने जितनी शिद्दत के साथ हॉकी खेली, शायद ही कोई उनकी जगह ले पाए। उन्होंने न सिर्फ भारत में अपने खेल का जौहर दिखाया है, बल्कि कई अन्य देशों में भी अपनी हॉकी स्टिक से खेलप्रेमियों को दिवाना बना चुके हैं

भारत में हॉकी को खोई हुई चमक वापस दिलाने वाले इस महान खिलाड़ी ने भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी भी की। 

भारत ने उनकी कप्तानी में 1998 का एशियन गेम्स और 2003 का एशिया कप जीता। 

आज पूर्व हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै के बारे में हम लाए हैं उनसे जुड़ी कुछ रोचक तथ्य-

  1.  उनका नाम धनराज इसलिए पड़ा क्योंकि उनके माता-पिता को लगता था कि इस नाम से उनकी किस्मत बदलेगी और उनके घर में पैसे आने लगेंगे।
  2. धनराज अक्सर टूटी हुई हॉकी स्टिक और फेंकी हुआ बॉल से खेला करते थे। उन्हें इस चीज की प्रेरणा अपनी मां से मिली थी। आर्थिक तंगी के बीच भी उनकी मां ने हमेशा खेलों के प्रति उन्हें प्रोत्साहित किया।
  3. धनराज पिल्लै का जन्म 16 जुलाई 1968 को पुणे के खड़की में हुआ था। उनका बचपन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की स्टाफ कॉलोनी में अभावों के बीच बीता क्योंकि उनके पिता वहां ग्राउंड्समैन का काम करते थे।
  4. साल 1985 में धनराज अपने बड़े भाई के पास मुंबई चले गए और उनके दिशा निर्देश पर प्रैक्टिस करने लग गए। धनराज शुरू से ही महान हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद से प्रभावित रहे हैं।
  5. धनराज ने भारत के लिए अपना डेब्यू 1989 में दिल्ली में हुए एशिया कप के दौरान किया था। वह भारत के लिए 1989 से 2004 तक खेले और 15 सालों के अपने इंटरनेशनल करियर में 339 मैचों में 170 गोल दागे।
  6. धनराज पिल्लै चार ओलंपिक (1992, 1996, 2000, और 2004), चार वर्ल्ड कप (1990, 1994, 1998, और 2002), चार चैंपियंस ट्रॉफी (1995, 1996, 2002, 2003), और चार एशियाई खेलों (1990, 1994, 1998, और 2002) में हिस्सा लेने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं। वह 1994 के वर्ल्ड कप के दौरान वर्ल्ड इलेवन में जगह पाने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं।
  7. धनराज को 1995 में अर्जुन पुरस्कार, 1999 में खेल रत्न, 1998 में केके बिड़ला फाउंडेशन पुरस्कार और 2001 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। 2002 चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया था।
  8. पिल्लै ने कई बार कम मैहॉकी च फीस और समय पर उसका भुगतान न किए जाने की वजह से मैनेजमेंट की आलोचना की। इसकी वजह से उन्हें 1998 के बैंकॉक एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने के बावजूद अगली सीरीज से आराम देने के नाम पर बाहर कर दिया गया।
  9. धनराज ने 2014 में आम आदमी पार्टी से जुड़कर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था।
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  11. भारत के अलावा धनराज पिल्लै कई विदेशी क्लबों के लिए भी खेले। जिनमें इंडियन जिमखाना (लंदन), एचसी ल्योन (फ्रांस), बीएसएन एचसी ऐंड टेलीकॉम मलेशिय एचसी (मलेशिया), अभानी लिमिटेड, एचटीसी स्टटगार्ट किकर्स (जर्मनी) और खालसा स्पोर्ट्स क्लब (हॉन्गकॉन्ग) शामिल हैं।
अपने  समय ऐसा हाकी खिलाड़ी जिसकी हाकी स्टिक पर गेंद जितना समय बिताती थी टेलीविजन कमेंटेटरों की आवाज़ और जोश बढ़ जाता था।

Tuesday, July 31, 2018

सीटेट परीक्षा के लिए बड़ी खबर है

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दोस्तों अब लाखों अभ्यर्थियों का इंतजार हुआ खत्म अब एक अगस्त से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया |


दोस्तों आवेदन प्रक्रिया मे कुछ बदलाव के साथ सीबीएसई ने तैयारी शुरू कर दिया है अब आप सीटेट की वेबसाइट www.ctet.nic.in  पर जाकर ऑनलाइन एप्लाई कर सकते हैं सीटेट 2018 के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी सीटीईटी  के लिए आवेदन प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू करने की घोषणा की है।

इस वर्ष इसकी परीक्षा देश के 92 शहरों में 20 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। सीबीएसई इसकी विस्तृत जानकारी अपने आधिकारिक वेबसाइट www.ctet.nic.in पर 1 अगस्त को जारी करेगी।


CTET 2018 के आवेदन आनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से 27 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। तथा आनलाईन प्रक्रिया द्वारा फीस जमा करने की अंतिम तारीख 30 अगस्त है।
यह प्रक्रिया 30 अगस्त को दोपहर 3:30 पर बंद हो जाएगी |

सीबीएसई ने कहा है कि जो छात्र इसके लिए आवेदन करेंगे वह पहले सूचना बुलेटिन को डाउनलोड कर ध्यान से पढ़ लें।
 छात्र सीटीईटी की वेबसाइट से ही ऑनलाइन आवेदन कर पाएंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 27 अगस्त है। 30 अगस्त को शाम साढ़े 3 बजे फीस भुगतान का समय निर्धारित किया गया है।



 आपको बता दें कि सीटैट परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 22 जून से शुरू होनी थी लेकिन प्रसाशनिक कारणों से इस प्रक्रिया को कुछ दिनों के लिए रोक दिया गया था।

पहले सीबीएसई ने परीक्षा की तिथि 16 सितंबर, 2018 घोषित की थी। आवेदन प्रक्रिया टाले जाने से हो सकता है कि परीक्षा की तिथि को थोड़ा आगे खिसका दिया जाए।

CTET 2018 परीक्षा में दो पेपर होंगे- पेपर I और पेपर II। ये दोनों पेपर दो सेशन में होंगे - पेपर-1- 2 pm to 4:30 pm और पेपर 2 - 9:30 am to 12 pm
पेपर नं. 1 उन उम्मीदवारों को देना होता है जो कक्षा 1 से कक्षा 5 तक पढ़ाने के इच्छुक हैं। और पेपर नं 2 उन उम्मीदवारों के लिए होता है जो कि कक्षा 6 से कक्षा 8 के लिए शिक्षक बनना चाहते हैं|

Saturday, July 28, 2018

अब डिग्री या सर्टिफिकेट खोने का डर नही साथ ले जाने की जरूरत नही

हर भारतीय छात्र के लिए महत्वपूर्ण है NAD प्रणाली


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NATIONAL ACADEMIC DEPOSITORY




मानव संसाधन मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की इस नयी पहल से करोड़ो छात्र, उनके अभिभावक, एवं शैक्षणिक संस्थान, भारतीय और विदेशी कर्मी, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सभी विशिष्ट संसथान आदि लाभान्वित होगे 
जी हाँ भारत सरकार की इस डिजिटल पहल से अब छात्रो को अपने प्रपत्रों की फ़िक्र नही करनी पड़ेगी ना ही तरह तरह की फोटोकापी करानी पड़ेगी या किसी भी प्रपत्र के लिए लाइन में लगना होगा क्युकी अब आ गयी है NAD प्रणाली 

दोस्तों भारत दुनिया का सबसे बड़ा शैक्षणिक क्षेत्र है यहाँ पर  
47 केन्द्रीय विश्वविद्यालय, 
365 राज्य विश्वविद्यालय 
123 डीम्ड विश्वविद्यालय
269 प्राइवेट विश्वविद्यालय है


इन विश्वविद्यालय से हर साल करीब 1.5 करोड़ छात्र निकलते है और शैक्षणिक अंकपत्र वा प्रमाणपत्र प्राप्त करते है | इसी प्रकार
C.B.S.E
I.C.S.E
राज्य बोर्डो 
से लगभग 3.5 करोड़ छात्रो को शैक्षणिक प्रमाणपत्र वितरित किये जाते है | 

ऐसे में भारत सरकार द्वारा N.A.D के माध्यम से सभी प्रपत्रों को डिजिटलाइज करने का फैसला किया गया है 


आइये जानते है क्या है N.A.D व्यवस्था

N.A.D यानी  NATIONAL ACADEMIC DEPOSITORY

N.A.D वह प्रणाली है जिसके माध्यम से हर शैक्षणिक संस्थान के द्वारा छात्रो को दिए जाने वाले मान्य प्रपत्र जैसे- अंकपत्र,प्रमाणपत्र, डिग्री, डिप्लोमा इत्यादि को सीधा N.A.D प्रणाली में उपलोड क्र दिया जाएगा 

इस ऑनलाईन डिजिटल डिपाजिटरी को कभी भी कही से भी ओनलाईन कनेक्ट कर के देखा जा सकता है या डाऊनलोड किया जा सकता है |

भारत सरकार के इस उपक्रम में दो ईन्तारल डिजिटल आप्रेबल डिपाजिटरीज कार्यरत है 
C.V.L
N.D.M.L

यह दोनों इन प्रपत्रों को डिपाजिट करने, शुरक्षित रखने वा सहेजने का कार्य करेंगी | इस सुविधा के पूरी तरह से विधिवत कार्यरत होते ही सभी संस्थानों को जोड़ दिया जायगा जिसमे सभी संस्थान अपने जारी प्रपत्रों को डिजिटली रूप से सहेजने का कार्य शुरू कर देंगे |



देश के सभी संस्थान इस सिस्टम में सभी प्रपत्रों को उपलोड करेंगे और वही छात्र दुनिया के किसी भी कोने से इन प्रपत्रों को ओनलाईन प्राप्त कर सकेंगे |
छात्र इन प्रपत्रों को प्राप्त करने के लिए नेट पहचान या आधार से वेरीफाई कर के ही पा सकेंगे, या डाउनलोड कर सकेंगे या अपने इम्प्लाई को जांचने को दिखा सकेंगे |

इस तरह आप वैरिफिकेसन की लम्बी प्रक्रिया से बच सकते है 
भारत सरकार की इस पहल से आप के प्रपत्रों के खोने या खराब होने की मुसीबत से बच सकते है साथ ही कही से भी देख सकते है या फिर ऑनलाइन सत्यापित कर सकते है

इस प्रक्रिया को निजता की सुरक्षा के लिए भी पूरी तरह सक्षम बनाया गया है |



अधिक जानकारी के लिए NAD की वैबसाइट पर जाकर देख सकते है 
www.nad.gov.in

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Friday, July 27, 2018

ये भी जानो

ये भी जानो

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Do you know

पिरामिड के अंदर का तापमान हमेशा 20 डिग्री सेल्सियस रहता है.

अरूणाचल प्रदेश में 4 ऐसे मतदान केंद्र हैं जहां महज तीन-तीन ही मतदाता हैं।

मूलतः, बीएमडब्ल्यू (BMW) एक हवाई जहाज इंजन निर्माता हैं |

GO अंग्रेजी भाषा का सबसे छोटा वाक्य है|

एक सिगरेट धूम्रपान करने के 20 मिनट बाद, रक्तचाप सामान्य होता है|

धूम्रपान करने वालों के गैर धूम्रपान करने वालों की तुलना में दस गुना अधिक झुर्रियाँ मिलती है |

औसतन एक व्यक्ति शौचालय में अपने जीवन के तीन साल खर्च करता है |    

संसार में प्रतिवर्ष 50,000 से भी अधिक भूकंप आते हैं।

एक ज्वालामुखी में राख को 50 किलोमीटर से भी ऊपर फेंकने की शक्ति होती है।

चन्द्रमा के सिर के ठीक ऊपर आने पर उसके गुरुत्वाकर्षण के कारण आपका वजन जरा सा कम हो जाता है।

यूरोप एकमात्र ऐसा महाद्वीप हैं जिसमें कोई भी मरुस्थल नहीं है।   

सारी दुनिया में केवल जिराफ ही एक ऐसा प्राणी है जिसके जन्म से ही सींग होते हैं।

टैक्सास का होस्टन नगर दलदल में बसा हुआ है और धीरे-धीरे धँसते जा रहा है।

समुद्र की एक बूंद पानी को भाप बनकर पूरे विश्व में प्रसारित होने में 1000 साल से भी अधिक समय लग जाता है।

भारत में एक करोड़ से ज्यादा लोग करोड़पति हैं।


कई लोगों का मानना है कि अगर आप एक जन्मदिन के केक पर के सभी मोमबत्तियाँ एक सांस में बुझाते है तो उस समय की गयी इच्छा पूरी होती है|

एशिया में, 4 अंक किसी भी नोकिया हैंडसेट मॉडल संख्या में कभी नहीं दिखाई देता है, क्योंकि 4 अंक दक्षिण / पूर्व एशिया के कई भागों में अशुभ माना जाता है.

एक इंद्रधनुष को केवल सुबह या शाम को देखा जा सकता है|

डोनाल्ड डक कॉमिक्स फिनलैंड से प्रतिबंधित कर दिया गया था क्योंकि मैं वह पतलून नहीं पहनता था|

शाहजहाँ सफेद ताजमहल की दूसरी तरफ काला ताजमहल भी बनाना चाहता था परंतु उससे पहले ही
शाहजहाँ के पुत्र औरंगजेब ने अपने पिता को जेल की सलाखों के पीछे धकेल दिया|
 

Monday, July 16, 2018

Do you know this amazing facts


क्या आप ये तथ्य जानते है ?

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दिल्ली का कुतुबमीनार ईट से निर्मित विश्व का सबसे उँचा मीनार है |

Fire Hydrant (आग बुझाने वाला यंत्र ) का अविष्कार किसने किया इसके बारे मे किसी को नही पता क्युकि इसके पेटेंट के दस्तावेज़ आग मे जलकर नष्ट हो गये थे |


हमारे बिस्तर के नीचे के अधिकांश धूल वास्तव में अपनी खुद की मृत त्वचा होती है |

अगर किसी प्रकार की कोई दुर्घटना न हो तो कौओं का जीवन 240 साल माना गया है। कौआ बगैर थके मीलों उड़ सकता है।

लियोनार्दो दा विंची एक ही बार मे एक हाथ से लिख सकते थे और दूसरे हाथ से पेंटिंग कर सकते थे |
पहला कंप्यूटर माउस 1964 मे बना था जो लकड़ी का था |
20% ऑनलाइन वाइरस संगठित अपराधियों के द्वारा बनाए जातें हैं |


2010 में बीजिंग के निकट एक हाइवे पर 10 दिनो के लिए कारें फँस गयी थी, ट्रैफिक जाम 97 km तक था लोकल दुकानदार खाने पीने की चीज़ो को 10 गुने से भी ज़यादा दामों पर बेच रहे थे | ये जाम ट्रकों के कारण लगा था जो बीजिंग से कोयला ला रहे थे |



 कि फोन के कुंजी पटल यानि कीबोर्ड में 1 और 0 की संख्या वाली कुंजियों में दूसरा कोई अक्षर लिखा नही होता है। ऐसा इसलिये होता है कि इन दो नंबरों को फ्लैगनंबर माना जाता है यानि कि ये स्पेशियल सर्विस जैसे कि इमरजेंसी या आपरेटर की सर्विस के लिये ऐसे रखे जाते हैं।

क्या आप जानते हैं? दुनिया के सारे महाद्वीपों (continents) के नामों (अंग्रेजी में अगर उच्चारित करें) के अंत में वही अक्षर (अंग्रेजी का) आता है जिससे वो शुरू होते हैं।

धार्मिक राज्य (या नगरी कहें?) वेटिकन दुनिया का सबसे छोटा देश है इसका क्षेत्रफल 0.2 वर्ग मील है और इसकी आबादी लगभग 770 है। इनमें से कोई भी इसका परमानेंट नागरिक नही है।

मास्टर कार्ड के नाम से प्रसिद्ध क्रेडिट कार्ड का ओरिजिनल (वास्तविक) नाम मास्टर चार्ज था।

धरती के गुरुत्वाकर्षण (earth’s gravity) के कारण पर्वतों का 15,000 मीटर से ऊंचा होना संभव नही हैं।

रोम दुनिया का वो शहर है जिसकी आबादी ने सबसे पहले 1 मीलियन का आंकड़ा पार किया था।


हम सामान्यत: पक्षियों के झुंड को वी अक्षर के आकार में उड़ते हुए देखते हैं। ऐसा करने से उन्हें ऊर्जा बचाने में सहायता मिलती है।

अब्राहम लिंकन एक लाइसेंस प्राप्त बारटेन्डर थे |


सोनी (SONY) का पहला उत्पाद एक चावल कुकर था.

वॉल्ट डिज्नी, मिकी माउस के निर्माता, को चूहों का डर रहता था.

कांच का टूटना शुभ है या अशुभ ?


कांच का टूटना शुभ है या अशुभ ?

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कांच का टूटना सदैव लोगो का ध्यान अपनी ओर खीचता है चाहें वह भरी महफ़िल में कांच के ग्लास टूटने की घटना हो या गुस्से में घर का आइना तोड़ने का काम हो
फिल्मो में अक्सर देखा होगा जब भी कोई क्रोध सेपागल होता है तो उसे आइना या कांच की वस्तुएं तोड़ते दिखाया जाता है

 
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क्या आप जानते हैं कांच का टूटना बुरा क्यों मानते हैं ?

यह बात रोमन लोगों से चर्चा में आई। इनमें ऐसा माना जाता था कि कांच में जो हमारा अक्स दिखाई देता है असल में वह हमारी आत्मा होती है।

जब कांच टूट जाता है तो इसका मतलब है कि हमारी आत्मा खत्म हो गई है। यहीं से कांच का टूटने को लोग बुरा मानने लगे।

इस समय जिस किसी के भी हाथ से कांच टूट जाता था वह अपने बगीचे में लगे छोटे पानी के कुंड में अपनी परछाई देखकर अपशकुन को टालता था।

दुनिया के किसी हिस्से में लोग यह मानते हैं कि कांच के टूटने से सात सालों के भाग्य उनसे रुठ जाता है। 
यहां लोग कांच के टुकड़ों को ले जाकर चंद्रमा की रोशनी में जमीन के नीचे दबा देते हैं। यह सब कुछ इसलिए किए जाता है ताकि कांच टूटने से उन पर कोई विपत्ति न आए।

क्या वाकई कांच के टूटने पर अशुभ हो सकता है ?


कांच का टूटना सदैव ही लोगो का ध्यान अपनी ओर स्वतः ही खींच लेता है  शोधार्थियों के अनुसार कांच की गुणधर्मिता होती है जो तनाव सहन नही कर सकती है इसलिए टुकड़ो में बिखरती है मानव मष्तिस्क पर कांच टूटने के प्रभाव का अभी ठीक पता नही चल पाया है  
परन्तु इसके टूटने की ध्वनि दिमाग के भावात्मक हिस्से पर हलचल जरुर पैदा करती है

CTET 2018, बीएड को मान्य न किए जाने पर विज्ञापन को चुनौती

प्राइमरी CTET परीक्षा में बीएड को शामिल करने को लेकर CBSE और NCTE से जवाब तलब , शीघ्र होगा मुकदमे का निस्तारण : CTET- ONLINE सी...